
कई बार यूं होता है कि,
अफसाना बातों मै गुम होता है ।
कभी यादों में घुटता है ।
कभी रिवाजों में बंधता है ।
कई बार यूं होता है कि,
सन्नाटों में टहलता है ।
कभी हालातों से बहलता है ।
कभी डर से और पनपता है ।
कभी यूं भी होता है कि,
इरादे से डर जाता है ।
एक आवाज से भरमाता है ।
बस आंखो से छुप जाता है !
कभी यूं भी होता है कि, विश्वास से आगे आता है !
सच्चाई के आगे फिर झुक जाता है !
अच्छाई से फिर वो न्याय पाता है !
कभी फिर यूं भी होता है कि,
अफसाना एक मिसाल बन जाता है !
– उलुपी
Photo by Suzy Hazelwood from Pexels
Thanks for the pic !
बन्धु थोड़ा मात्रिक सुधार कर लें शेष अतिउत्तम है आपकी रचना। मुझे लगता है आप
*कई बार यूँ होता है कहना चाह रहीं*
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गलती दिखाने के लिए शुक्रिया ☺️😇🙌
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आभारम्
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Fantastic 👍👌👌👌👌
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Thanks ❤️🙌
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👌👌👌
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Thank you ❤️🙌
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